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विज्ञापन-और हम

टीवी से पहले हमारे देश में रेडियो ,सिनेमा,अखबार ,कई तरह की पत्रिकायें ही हमारे मनोरंजन और समाचार का माध्यम हुआ करते थे और साथ ही साथ प्रचार प्रसार का माध्यम भी,किन्तु इससे भी पहले से अन्य कई तरीकों से विज्ञापन अस्तित्व में आ चुका था। विज्ञापन करने के मुख्य कारण उत्पादन से मांग कम होना,कई विकल्प उपलब्ध होना,इच्छा को जरुरत में बदलना,उत्पाद की जानकारी उपभोक्ता तक पहचाना,और वो हर कारण जो उत्पाद को बेचने में मददगार हो वो एक कारण होता है प्रचार प्रसार का। विज्ञापन जब बनाया जाता है उस समय बहुत से तथ्यों को ध्यान में रखा जाता है। सबसे महत्वपूर्ण होता है उत्पाद के विषय में जरुरी जानकारी जैसे की उसमे उपयोग लिए गए पदार्थ,उत्पादन एवम् एक्सपायरी की तारीख,शाकाहारी या मांसाहारी,मूल्य,लाइसेंस नम्बर,स्थान,उपयोग विधि और भी कई छोटी छोटी बातें।अक्सर हम इन छपी हुई सूचनाओं पर ध्यान नहो देते ,उन्ही सूचनाओं को विज्ञापन के द्ववारा याद कराया जाता है। बहुत प्रभावी विज्ञापन कई उत्पादों के पर्यायवाची बन जाते है। मसलन कपडे धोने के साबुन को ग्राहक 'निरमा' बूट चप्पल के लिए 'बाटा, आदि कई उदाहरण हैं।