100%

100प्रतिशत-100PERCENT

एक  DIALOGUE जो कि हम घर में,स्कूल में,ऑफिस में और हर जगह सुनते हैं और वही बोलते भी हैं वो है Give Your 100 Percent,क्योंकि उसमे सफलता प्राप्त होना लगभग तय सा होता है।

99 और 100 के बीच का जो 1 प्रतिशत है  उसको जीवन में कई बार हमने 99 पर भारी पड़ते देखा है और इसीलिए हर वक्त ये 100 प्रतिशत वाली नसीहत दी जाती है।
उदाहरण के लिए क्रिकेट में हमने सचिन और  कई दिग्गजजों को  शतक से 1 रन पहले99 पर आउट होते देखा,टेनिस,बैडमिंटन में आखिरी 1 पॉइंट से सेट  हारते देखा,एथेलेटिक्स में एक सेकंड के छोटे से पल से रेस हारते देखा,  या फिर फार्मूला 1 रेस या अन्य कोई भी ऐसी प्रतियोगिता ,शिक्षा क्षेत्र,IIT,IIMऔर ऐसे ही संस्थान जहाँ 1 प्रतिशत के भी कई छोटे हिस्सों में सफल या असफल होने का निर्णय होता है।
इसको कप और होंठ के बीच की दूरी के नाम से भी जाना जाता है।
ये 1 प्रतिशत अंतरिक्ष  में भेजे जाने वाले यान के प्रक्षेपण को इसके 100वें भाग या उससे भी छोटे पल की गलती से Fail or Abort कर देता है।।
सामान्य जीवन में हम चलेगा या ठीक है जैसे जुमलों का उपयोग कर 100 के स्थान पर 99 स्वीकार लेते हैं,जो की कभी बेहद नुकसान प्रद होता है।
एक छोटा सी कहानी इस विषय को अच्छे से बयान कर देगी।
"एक निपुण कारीगर आजीवन एक निर्माण समूह के लिए बेहतरीन काम करता रहा।बच्चों को अच्छि शिक्षा दिलाई और वे अच्छे पदों पर पहुँच गए ।घर में ये निर्णय हुआ की अब पिताजी निर्माण काम नहीं करेंगे।
कारीगर ने अपने परिवार का निर्णय अपने empolyer को बताया और उसने ख़ुशी ख़ुशी कारीगर के Retirement की बात मानकर उन्हें उपहार देकर सादर सम्मान के साथ स्वीकृति दे दी,किन्तु एक Request की कि  आप एक आखिर भवन का बेहतरीन निर्माण कर दे।
लंबे सम्बन्ध ध्यान में रखकर कारीगर ने काम शुरू तो कर दीया लेकिन उस कुशलता के साथ काम नहीं कर पा रहा था जिसके लिए वो जाना जाता था।
काम खत्म होने पर कारीगर ने देखा की बेहद ख़राब निर्माण हुआ फिर भी वो अपने मालिक को उसकी चाबी देने गया
मालिक ने ससम्मान अपने पास बिठाया और चाबी लौटाते हुए कहा की आपने आजीवन मेरी सेवा की इसलिए मैंने ये भवन आपको भेंट देने हेतु ही बनवाया था।
ये सुनकर उसे लगा की काश मैंने इसमें अपना  100प्रतिशत दिया होता।
MORAL OF THE STORY
जो भी करे मन लगा कर करें वरना कहीं 1% आपके 99%पर भारी ना पड जाए।
श्री राम

Comments