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"SALE, SALE, SALE"
ऐसा कोई खरीददार नहीं जिसकी बांछेँ इस शब्द को अखबार ,टीवी,मैगज़ीन,बिलबोर्ड,होर्डिंग्स या कही भी देखकर खिल न जाती हो।हर व्यक्ति किसी वस्तु को पाने की लालसा रखता है ,जिसकी वजह उस वस्तु का उपयोग अपने मित्र,परिचित,पडोसी,ऑफिस सहयोगी या अन्य किसी के भी द्ववारा जो की उसका Ideal हो,किया जाना हो सकता है जिसको हम BUYING BEHAVIOR के नाम से जानते है,क्योंकि क्रय करने की प्रेरणा इन्ही में से किसी से मिलती है।
होता ये है की जब कोई नया प्रोडक्ट या ब्रांड LAUNCH होता है तब वो कुछ लोगों की पहुँच तक सिमित होता है लेकिन उसको पाने और इस्तेमाल की इच्छा कई लोगों की होती है।
किन्तु हर व्यक्ति को एक निर्धारित मूल्य पर उस वस्तु से संतुष्टि मिलती है,इसीलिए जब SALE के मौके पर अपने मन में निर्धारित मूल्य पर वो वस्तु दिखती है  तो वो लपक लेता है।
अब सवाल इस SALE की प्रमाणिकता की है।
हमारे देश में ज्यादातर SALE अविश्वश्नीय मानी जाती हैं क्योंकि इसमें पुराना,ख़राब,क्षतिग्रस्त,पानी में भीगा हुआ
या अन्य देशो से लौटाया हुआ होता है,इसीलिए घंटों तक अच्छा सामान ढूंढना पड़ता है।
इस माल में ज्यादातर फेंक देने लायक होता है किन्तु हमारे देश की जनसंख्या इतनी है की हर वस्तु का कोई न कोई खरीददार मील ही जाता है।
एक और महत्वपूर्ण बात है Max. Rtail price  /MRP.
MRP वो मूल्य है जो की निर्माता को अपने उत्पाद पर क़ानूनी तोर पर छापना होता है,जिसमे वो अपने उत्पाद की cost,expense,profit,taxes आदि को मिलाकर तय करता है,और यही वो कारण है कि ज्यादातर वस्तुओं पर छपीMRP इन सब से कही ज्यादा छापी जाती है और फिर उस पर DISCOUNT के नाम पर सेल में बेचने का प्रयास किया जाता है जिससे की बड़ी मात्रा में बिक्री हो सके।उपभोक्ता तो हर हाल में ठग ही लिया जाता है।
अभी इन दिनों जब सरकार ने इस लूट को रोकने के लिए मेडिकल devices और दवाओं पर MRP को प्रतिबंधित करने का प्रयास किया तो उत्पादकों और व्यापारियों में खलबली मच गई।
सही मायने में सेल US ,UK आदि देशों में होती है जहाँ शुरुआत में Highest price रखी जाती है जिससे  उसकी लागत वसूल हो जाये और क्रेता को भी exclusive user होने का गर्व हो।
धीमे धीमे मूल्य में कमी करते हुए उसका स्तर इतना कम कर दिया जाता है कि हर सामान्य व्यक्ति उसको खरीद सके और यही कारण है की वहां लोग इस प्रकार की साल में निश्चित समय पर लगने वाली सेल का बेसब्री से इन्तेजार करते है।
अतः सेल के लुभावने विज्ञापनों में आकर कहीं आप ठगे ना जाए,इसका अवश्य ध्यान रखें।
अब तो शौपिंग मॉल में ये ठगी 12 महीने चालु रहती है।
आप मान कर चलें की 2000 का कपड़ा आपको कोई 50 प्रतिशत में 1000 में कोई नहीं दे रहा बल्कि 750 की वस्तु पर 2000MRP छाप कर आपको ठग रहा है।
सावधानी हटी,दुर्घटना घटी।
श्री राम।

Comments

  1. बहुत अच्छे से आपने सेल को वर्णन किया। customer तो एमआरपी ही देखते है हम भी खऱीद के खुश होते है।

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    1. आपके साथ का स्वागत है।

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