Proud parents to lovely daughter

प्रिय बेटी कृति
आज 8th August को आपने जीवन के आधार रूप वर्षों के 34 वर्ष पूरे कर लिए है,बहुत बहुत बधाई,शुभकामना,आशीर्वाद,स्नेह,एवम परमपिता परमेश्वर से अच्छी सेहत,समृद्धि,ओर बेपनाह खुशियों की कामना करते हैं 
जीवन के दौरान हम कई कड़वे,मीठे अनुभव करते है,कभी खुशी ,कभी गम सहते है,कभी जय तो कभी पराजय का सामना करते है,कभी फिट तो कभी अनफिट,कभी सब कुछ पा लेने का अहसास तो कभी कुछ भी अपना नही होने की अनुभूति।ये सब जीवन चक्र का एक हिस्सा है,ओर संघर्ष और असफलता ही हमे निरन्तर आगे बढ़ते रहने हेतु प्रयासरत रहने के लिए प्रेरित करती हैं।
हमारे देश मे अभी भी लड़के लड़की में भेदभाव जारी है,जो कि सदियों से चल रही पुरुष प्रधान संस्कृति की देन है,किन्तु  हमारी इस सदी ने बहुत कुछ बदलते देखा और इसमें एक नारी शसक्तीकरण भी है।अपने आप को जीवन मे कभी भी अकेला,कमजोर,बेचारा नही समझना,क्योंकि वो गुण आपका है ही नही।
अपने जन्म से ही एक झुझारू,सशक्त,कमिटेड,व्यक्ति के रूप में हमने आपको बड़े होते हुए देखा है,ओर हमारे संघर्ष के दिनों में हौसला भी दिया।
में बचपन से सुनता था कि लड़कियां देवी का या लक्ष्मी का अवतार होती है,किन्तु वास्तविकता तो इससे कोसो दूर थी,बहुत अफसोस रहता था,कि अपनी माँ, बहिन के कष्ट कम करने के लिए कुछ भी नही कर पाते थे।हर वक्त समाज और लोग क्या कहेंगे जैसी बातों से महिलाओं का शोषण होता रहा और हम देखते देखते बड़े हो गए।
तभी हमारे जीवन मे भगवान ने कन्या रत्न के रूप में भेजा,ओर यही कारण रहा कि हमने कभी भी आपको लड़को से कम नही माना, ओर नतीजा एक बेहतरीन शख्सियत के रूप में उभर कर आना।
हमने प्रभु की व्यवस्थाओं के तहत आपकी शादी कर कन्यादान अवश्य किया,किन्तु वो सिर्फ गोत्र का दान होता है ,जिससे आप मां बन कर प्रभु के प्रतिनिधि होने का कार्य कर सको।
हाँ, मेने बेटी के लक्ष्मी या देवी रूप होने को सिद्ध पाया।आपके जन्म के बाद धीरे धीरे सारे प्रॉबलम्स सुलटते गए ,नए नए रास्ते बनते गए,आर्थिक स्थिति में अप्रत्याशित सुधार हुआ ओर धारणा के मुताबिक काम बनते चले गए और फिर कन्यादन का दिन आ गया।
अक्सर बेटियों की एक शिकायत होती है कि ,हमारा घर कौन सा?मां शादी होने तक पराई अमानत कहती है,ससुराल वाले पराये घर की बेटी ही कहते है,पोता पोती उनके हो जाते है,पर बहु पराई ही राह जाती है,।तो आखिर में वो कौन सा घर है जो कि बेटियां अपना कह सकें?
बाकी का मुझे मालूम नही पर हमारा घर तो आपके बिना अधूरा लगता है,ओर वो आपका था,है, ओर रहेगा।
इसी विश्वास के साथ।एक बार पुनः लबे, स्वस्थ,प्रसन्न जीवन की मंगल कामना के साथ,
आपके पापा मम्मा


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