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Proud parents to lovely daughter

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प्रिय बेटी कृति आज 8th August को आपने जीवन के आधार रूप वर्षों के 34 वर्ष पूरे कर लिए है,बहुत बहुत बधाई,शुभकामना,आशीर्वाद,स्नेह,एवम परमपिता परमेश्वर से अच्छी सेहत,समृद्धि,ओर बेपनाह खुशियों की कामना करते हैं  जीवन के दौरान हम कई कड़वे,मीठे अनुभव करते है,कभी खुशी ,कभी गम सहते है,कभी जय तो कभी पराजय का सामना करते है,कभी फिट तो कभी अनफिट,कभी सब कुछ पा लेने का अहसास तो कभी कुछ भी अपना नही होने की अनुभूति।ये सब जीवन चक्र का एक हिस्सा है,ओर संघर्ष और असफलता ही हमे निरन्तर आगे बढ़ते रहने हेतु प्रयासरत रहने के लिए प्रेरित करती हैं। हमारे देश मे अभी भी लड़के लड़की में भेदभाव जारी है,जो कि सदियों से चल रही पुरुष प्रधान संस्कृति की देन है,किन्तु  हमारी इस सदी ने बहुत कुछ बदलते देखा और इसमें एक नारी शसक्तीकरण भी है।अपने आप को जीवन मे कभी भी अकेला,कमजोर,बेचारा नही समझना,क्योंकि वो गुण आपका है ही नही। अपने जन्म से ही एक झुझारू,सशक्त,कमिटेड,व्यक्ति के रूप में हमने आपको बड़े होते हुए देखा है,ओर हमारे संघर्ष के दिनों में हौसला भी दिया। में बचपन से सुनता था कि लड़कियां देवी का या लक्ष्मी का अवतार होती है,किन्तु

BIRTH DAY WISH

प्रिय भाई पंकज आज 9th Sept, को आपके जन्मदिन की हार्दिक बधाई,एवम शुभकामनाए। जब 1985 में  हमारी पहली मुलाकात हुई,तभी ये तो निश्चित हो गया कि ,आप एक बेहतरीन व्यक्तित्व के इंसान है, किन्तु बदलते ओर बढ़ते हुए समय के साथ हमने पाया कि आप एक अच्छे friend, philosopher, and guide भी हैं, जिसने जीवन के हर मोड़ पर मेरा ओर अन्य सभी अपनों का मार्गदर्शन किया ओर एक अच्छे और नेक बेटे,भाई, पति और पिता के अलग अलग किरदारों को न्यायसंगत तरीकों से जीया। मुझे तो तो इंदौर में हुई पहली मुलाकात  से एक अच्छा मित्र,ओर  भाई मिल गया,जिसके साथ जीवन के हर रंग को ,तकलीफ को खुशी को,बेझिझक बांटने ओर सही गलत को समझने में सहायता मिलती रही। आपका साथ,सहयोग,प्रेम, इसी तरह भविष्य में भी मिलता रहे तथा सेवा ओर मित्रता की सरिता इसी तरह  बहती रहे। प्रभु आपको चिरायु करे ,अच्छा स्वास्थ्य ,शोहरत,सम्पन्नता दे और साथ  ही आपकी हर मनोकामना पूर्ण करे। इन्ही शुभकामनाओं के साथ एक बार फिर, MANY MANY HAPPY RETURNS OF THE DAY. GOD BLESS YOU. GURU MAHARJ KI KRIPA BARSATI RAHE. अशोक

विज्ञापन-और हम

टीवी से पहले हमारे देश में रेडियो ,सिनेमा,अखबार ,कई तरह की पत्रिकायें ही हमारे मनोरंजन और समाचार का माध्यम हुआ करते थे और साथ ही साथ प्रचार प्रसार का माध्यम भी,किन्तु इससे भी पहले से अन्य कई तरीकों से विज्ञापन अस्तित्व में आ चुका था। विज्ञापन करने के मुख्य कारण उत्पादन से मांग कम होना,कई विकल्प उपलब्ध होना,इच्छा को जरुरत में बदलना,उत्पाद की जानकारी उपभोक्ता तक पहचाना,और वो हर कारण जो उत्पाद को बेचने में मददगार हो वो एक कारण होता है प्रचार प्रसार का। विज्ञापन जब बनाया जाता है उस समय बहुत से तथ्यों को ध्यान में रखा जाता है। सबसे महत्वपूर्ण होता है उत्पाद के विषय में जरुरी जानकारी जैसे की उसमे उपयोग लिए गए पदार्थ,उत्पादन एवम् एक्सपायरी की तारीख,शाकाहारी या मांसाहारी,मूल्य,लाइसेंस नम्बर,स्थान,उपयोग विधि और भी कई छोटी छोटी बातें।अक्सर हम इन छपी हुई सूचनाओं पर ध्यान नहो देते ,उन्ही सूचनाओं को विज्ञापन के द्ववारा याद कराया जाता है। बहुत प्रभावी विज्ञापन कई उत्पादों के पर्यायवाची बन जाते है। मसलन कपडे धोने के साबुन को ग्राहक 'निरमा' बूट चप्पल के लिए 'बाटा, आदि कई उदाहरण हैं।

http://bsbrd.blogspot.in/2017/11/sale-sale-sale-ideal-buying-behavior.html?m=1

"SALE, SALE, SALE" ऐसा कोई खरीददार नहीं जिसकी बांछेँ इस शब्द को अखबार ,टीवी,मैगज़ीन,बिलबोर्ड,होर्डिंग्स या कही भी देखकर खिल न जाती हो।हर व्यक्ति किसी वस्तु को पाने की लालसा रखता है ,जिसकी वजह उस वस्तु का उपयोग अपने मित्र,परिचित,पडोसी,ऑफिस सहयोगी या अन्य किसी के भी द्ववारा जो की उसका Ideal हो,किया जाना हो सकता है जिसको हम BUYING BEHAVIOR के नाम से जानते है,क्योंकि क्रय करने की प्रेरणा इन्ही में से किसी से मिलती है। होता ये है की जब कोई नया प्रोडक्ट या ब्रांड LAUNCH होता है तब वो कुछ लोगों की पहुँच तक सिमित होता है लेकिन उसको पाने और इस्तेमाल की इच्छा कई लोगों की होती है। किन्तु हर व्यक्ति को एक निर्धारित मूल्य पर उस वस्तु से संतुष्टि मिलती है,इसीलिए जब SALE के मौके पर अपने मन में निर्धारित मूल्य पर वो वस्तु दिखती है  तो वो लपक लेता है। अब सवाल इस SALE की प्रमाणिकता की है। हमारे देश में ज्यादातर SALE अविश्वश्नीय मानी जाती हैं क्योंकि इसमें पुराना,ख़राब,क्षतिग्रस्त,पानी में भीगा हुआ या अन्य देशो से लौटाया हुआ होता है,इसीलिए घंटों तक अच्छा सामान ढूंढना पड़ता है। इस माल में ज

100%

100प्रतिशत-100PERCENT एक  DIALOGUE जो कि हम घर में,स्कूल में,ऑफिस में और हर जगह सुनते हैं और वही बोलते भी हैं वो है Give Your 100 Percent,क्योंकि उसमे सफलता प्राप्त होना लगभग तय सा होता है। 99 और 100 के बीच का जो 1 प्रतिशत है  उसको जीवन में कई बार हमने 99 पर भारी पड़ते देखा है और इसीलिए हर वक्त ये 100 प्रतिशत वाली नसीहत दी जाती है। उदाहरण के लिए क्रिकेट में हमने सचिन और  कई दिग्गजजों को  शतक से 1 रन पहले99 पर आउट होते देखा,टेनिस,बैडमिंटन में आखिरी 1 पॉइंट से सेट  हारते देखा,एथेलेटिक्स में एक सेकंड के छोटे से पल से रेस हारते देखा,  या फिर फार्मूला 1 रेस या अन्य कोई भी ऐसी प्रतियोगिता ,शिक्षा क्षेत्र,IIT,IIMऔर ऐसे ही संस्थान जहाँ 1 प्रतिशत के भी कई छोटे हिस्सों में सफल या असफल होने का निर्णय होता है। इसको कप और होंठ के बीच की दूरी के नाम से भी जाना जाता है। ये 1 प्रतिशत अंतरिक्ष  में भेजे जाने वाले यान के प्रक्षेपण को इसके 100वें भाग या उससे भी छोटे पल की गलती से Fail or Abort कर देता है।। सामान्य जीवन में हम चलेगा या ठीक है जैसे जुमलों का उपयोग कर 100 के स्थान पर 99 स्वीकार लेते है

इशारा

इशारा ---------- हर एक कोई अपनी जिंदगी में इतना मशगूल रहता है की कई जरूरी इशारों को भी नजरअंदाज करता रहता है।ये इशारे इंसान को उसके परिवारजन,मित्र,साथी,समाज,प्रकृति और यहां तक की ईश्वर भी करता है किन्तु सब बेकार। फिर उपरवाला जब देखता है की कोई इशारा काम नहीं कर रहा तो वो कुछ अच्छा ,फिर उससे अच्छा और फिर और भी अच्छा करता है की कभी तो उसका ध्यान इस और जाएगा किन्तु इंसानी फितरत ही ऐसी है की सुख के समय में रुपया,पैसा,दौलत,गाडी,मकान,संपत्ति और सम्पन्नता के अभिमान में ये देख  या समज ही नहीं पाता की कोई है जिसको याद कर धन्यवाद किया जाये जो इस सम्पन्नता को दे रहा है। लेकिन जैसे ही उसने ज़रा सी तकलीफ दी नहीं की अपना सिर पकड़ कर भगवान् से शिकायत करने लगता है की उसने ये क्या कर दिया? इसीलिए कहा है "दुःख में सुमिरन सब करे,सुख में करे न कोय।जो सुख में सुमिरन करे , तो दुःख काहे का होय'। परमात्मा का सदैव स्मरण और उसके इशारे को समज कर अपना कष्ट मिटाये। श्री राम।

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